गुरुवार, 8 जुलाई 2010

ऋषभ उवाच: सृजनात्मक लेखन पर डॉ. गोपाल शर्मा : पाठ ५

ऋषभ उवाच: सृजनात्मक लेखन पर डॉ. गोपाल शर्मा : पाठ ५
दाता देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और हमारे डा गोपाल शर्मा छप्पर फाड़ कर ही तो दे रहे हैं . लिखना एक कला है और डा साहब
कलाकार. सरस्वती माँ का प्रसाद तो बट रहा है prntu विदुषियों के अतिरिक्त कौन इसको पढ़ रहा है समझ रहा है. ये सच है लेखन की प्रतिभा जन्मजात होती है या नहीं होती है. इस में सुधार
तो हो सकता है परन्तु धरातल तो होना चाहिए ही. काश हममें ...! हाँ
डा साहब को बधाई और बहुत स्नेह पूर्वक. गुरु दयाल अग्रवाल

1 टिप्पणी:

RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्मा ने कहा…

chhappar phad hee naheen rahe hain, gopal sharma to chhappar phaadane ke gur bhee sikha rahe hain.

11/7 ko naya gur sikhaaya hai-
TOKA-TOKI.